With this lyric you can learn many thing about Vindhyavasini Devi: first is, she lives at Parvat; second she loves Paan, Supari, Dhvaja and Nariyal; she loves clothes; and she loves Kesar Tilak. And in place of “ध्यानू भगत” at line 9, you can use your name.
Infact, all the Aartis and Chalisas give various hints about what our Devi and Devata like and what they can do for us.
१) सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी, तेरा पार न पाया
२) पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेंट चढ़ाया
३) चुनरी चोली तेरे अंग विराजै, केसर तिलक लगाया
४) ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,शंकर ध्यान लगाया
५) नंगे पग अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया
६) ऊँचे ऊँचे पर्वत भयो देवालय, निचे शहर बसाया
७) सतयुग, त्रेता, द्वापर मध्ये , कलियुग राज सवाया
८) धूप दीप नैवैद्य आरती, मोहन भोग लगाया
९) ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गावै, मनवांछित फल पावै
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