Jaharveer is a popular Guru as well as a Deity, his image is depicted as a person riding a blue horse. So called “Bhagat” (called in villages / towns) and other people have faith in him. He is worshiped widely, though not much popular in cities.
Shri Jaharveer Chalisa
१) जय जय जाहर रणधीरा पर दुःख भजन बागड़ वीरा ॥
२) गुरु गोरख का है वरदानी जाहरवीर जोधा लासानी॥
३) गौरवरण मुख महा विशाला माथे मुकट घुँघराले वाला ॥
४) काँधे धनुष गले तुलसी माला, कमर कृपाड रक्षा को ढाला॥
५) जन्मे गूगावीर जग जाना, ईसवी सन हजार दरमियाना ॥
६) बल सागर गुण निधि कुमारा दुखी जनों का बना सहारा ॥
७) बागड़ पति बाछला नन्दन, जेवर सुत हरि भक्त निकन्दन ॥
८) जेवर राव के पुत्र कहाये माता पिता के मान बढ़ाये ॥
९) पूर्ण हुई कामना सारी जिसने विनती करि तुम्हारी॥
१०) संत उबार असुर संहारे, भक्त जनों के काज सँवारे॥
११) गोगावीर की अज़ बखानी जिनको बयाही श्रियल रानी ॥
१२) बाछल रानी जेवर राणा महा दुखी थे बिन संताना ॥
१३) भंगिन ने जब बोली मारी जीवन हो गया था उनको भारी॥
१४) सूखा बाग़ हो गया था नौलखा, देख देख जग का मन दुखा॥
१५) कुछ दिन पीछे साधू आये चेली चेला संग में लाये ॥
१६) जेवर राव कुआँ खुदवाया, और उद्घाटन जब करना चाहा,
१७) खारी नीर कुँए से निकला, राजा रानी का मन तब पिघला॥
१८) रानी तब ज्योतिषी बुलबाया, कौन पाप में पुत्र ना पाया ॥
१९) कोई उपाय हमको बतलाओ, उन कहा गोरख गुरु को मनाओ॥
२०) गुरु गोरख जो खुश जावे, तो संतति पाना मुश्किल नाये॥
२१) बाछल रानी गोरखगुरु के गुण गावै, नेम धर्म को नहीं बिसरावे ॥
२२) करें तपस्या दिन और राति, एक वक्त खाएं रूखी चपाती॥
२३) कार्तिक मॉस में गंगा नहाना, व्रत एकादशी का नहीं भुलाना॥
२४) पूरनमासी व्रत नहीं छोड़े, दान पुन्य से मुख नहीं मोड़े ॥
२५) चेलों के संग गोरख आये, नौलखे में तम्बू तनवाये ॥
२६) मीठा नीर कुँए का कीना सूखा बाग़ हरा कर दीना॥
२७) मेवा फल सब साधू खावे अपने गुरु के गुण को गावे॥
२८) औधड नाथ भिक्षा मांगने आये, बाछल रानी दुःख सुनाये ॥
२९) औघड़नाथ जान लियो मनमाही, तपबल से कुछ मुश्किल नाहीँ॥
३०) रानी होवे मनसा पूरी गुरु शरण है बहुत जरुरी॥
३१) बारह बरस जपा गुरु नामा, तब गोरख ने मन में जाना ॥
३२) पुत्र देने की हामी भर ली, पूरनमाशी निश्यय कर ली॥
३३) काछल कपटिन गजब गुजारा, धोखा गुरु संग किया करारा ॥
३४) बाछल बनकर पुत्र पाया, बहन का दरद जरा नहीं आया॥
३५) औघड़ गुरु को भेद बताया, तब बाछल ने गुग्गल पाया ॥
३६) कर परसादी दिया गुग्गल दाना, अब तुम पुत्र जनो मरदाना ॥
३७) नीली घोड़ी और पंडतानी, लूना दासी ने भी जानो ॥
३८) रानी गुग्गल बाँट कर खाई, सब बाँझो को मिली दवाई ॥
३९) नरसिंह पंडित लीला घोडा , भज्जु कुतवाल जना रणधीरा ॥
४०) रूप विकट धर सब ही डरावे, जाहरवीर के मन को भावे ॥
४१) भादों कृष्ण की नवमी आई, तब जेवर राव घर बजी बधाई ॥
४२) विवाह हुआ गोगा भये राणा, संगलदीप में बने मेहमाना ॥
४३) रानी श्रियल संग फिरे फेरे, जाहर राज बागड़ का करे ॥
४४) अरजन, सरजन काछल जने,गोगावीर से हमेशा रहे वो तने ॥
४५) दिल्ली गए लड़न के काजे, अंगलपाल चढ़े महाराजा॥
४६) उसने घेरी बागड़ साड़ी जाहरवीर हिम्मत नहीं हारी॥
४७) अरजन, सरजन जान से मारे, अंगलपाल ने शस्त्र डारे ॥
४८) चरण पकड़कर पिंड छुड़ाया, सिंहभवन माड़ी बनवाया॥
४९) उसी में गोगावीर समाये, गोरख टीला धूनी रमाये ॥
५०) पुण्यवान भक्त वहाँ जाये, तन मन धन से सेवा लाये ॥
५१) मनसा पूरी उनकी होये, गोगावीर को सुमरे जोई ॥
५२) चालीस दिन पढ़े जो चालीसा सारे कष्ट हरे जगदीशा ॥
५३) दूधपुत उन्हें दे विधाता कृपा करे, गुरु गोरखनाथा॥
Shri Jaharveer Aarti
१) जय -जय जाहरवीर हरे,जय -जय गोगावीर हरे ॥
२) धरती पर आकर के भक्तों के दुःख हरे ॥
३) जो कोई भक्ति करे प्रेम से , निसादिन करे प्रेम से ,भागे दुःख परे ॥
४) विघ्न हरन मंगल के दाता,जन -जन का कष्ट हरे ॥
५) जेवर राव के पुत्र कहाए,रानी बाछल माता ॥
६) बागड़ में जन्म लिया गुगा ने ,सब जय -जयकार करे ॥
७) धर्म कि बेल बढाई निशदिन ,तपस्या रोज करे ॥
८) दुष्ट जनों को दण्ड दिया ,जग में रहे आप खरे ॥
९) सत्य अहिंसा का व्रत धारा ,झुठ से सदा डरे ॥
१०) वचन भंग को बुरा समझ कर , घर से आप निकरे ॥
११) माडी में करी तपस्या अचरज सभी करे ॥
१२) चारों दिशाओं से भगत आ रहे ,जोड़े हाथ खड़े ॥
१३) अजर अमर है नाम तुम्हारा ,हे प्रसिद्ध जगत उजियारा ॥
१४) भुत पिशाच निकट नहीं आवे , जो कोई जाहर नाम गावे ॥
१५) सच्चे मन से जो ध्यान लगावे ,सुख सम्पति घर आवे ॥
१६) नाम तुम्हारा जो कोई गावे ,जन्म जन्म के दुःख बिसरावे ॥
१७) भादो कृषण नोमी के दिन जो पुजे ,वह विघ्नों से नहीं डरे ॥
Comments:
Jai Jaharveer,2023/09/17 at 3:13 pm [ Goga Jahar Peer was born on Tuesday, Navami Tithi, which is today known as Guga Navami. Krishna comes on the second day of Janmashtami. ]
Saransh Sagar, 2019/10/15 at 7:36 am [Nice ]
Comments
Post a Comment