This festival falls on Paush Vadi Ekadashi, this day lord Achyut (अच्युत; Krishna, Vishnu) is worshiped. People get up early in the morning, do Puja by offering धूप, दीप, चन्दन, and नैवैद्य, after it, they do Aarti and Pradakshina. Observing Vrat this day is also considered good, which ends after evening puja of lord Achyut.
Why did it get the name Safla (सफला)?
Safla means Safalta (syn: सफलता; success), Vrat and Puja on Safla Ekadashi is supposed to give success in this materialistic (syn: worldly) life and spiritual life. A person gets wish fulfilment and moksha after their natural death.
Safla Ekadashi Vrat Katha
एक बार एक राजा का बेटा कुसंगति में पड़ गया, प्रजा उसकी आदतों से दुखी रहने लगी, तो एक दिन राजा ने अपने कलेजे पर पत्थर रखते हुए राजकुमार को देश निकाला दे दिया।
अब राजकुमार जंगल में शिकार करता और अपना पेट भरता, इसी प्रकार उसने काफी समय निकाल दिया, पर एक दिन ठण्ड के महीने में वो बीमार पड़ गया और इतना बीमार पड़ गया की शिकार नहीं कर पाया। भूख की बदहाली में उसने सोचा की अब मृत्यु निकट है।
तो भूखे पेट ही उसने भगवन का जाप करना शुरू कर दिया, और उनके नाम पर कुछ फल भी अर्पित किया, जिस दिन उसने ये सब किया उस दिन एकादशी थी। एकादशी के दिन उसकी भक्ति को देखकर भगवान् प्रसन्न हो गए तथा भगवान् की कृपा से राजा ने राजकुमार को वापिस महल बुला लिया।
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