ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !
Navratri starts from Kwar Sudi Pratipada, and ends at Kwar Sudi Navami. This is nine days festivals of Vrat and Puja, where Goddess Durga is worshiped: people worship Goddess Durga since early morning upto late at night. Generally at early morning ordinary people worship; and at late night after 10 pm, Devi Sadhaks worship, they prefer night ‘coz they find less disturbance during that time, some prefer Tritiya Prahar (that is 12 to 3 at night).
Puja Vidhi
देवी को नहाना धुलाना, उनके वस्त्र पहनाना, श्रृंगार व् टीका करना। उनको लाल चन्दन तथा लाल फूल अर्पित करना। उनको भोग के लिए, लौंग के जोड़े, फल, मिठाई, व्यंजन इत्यादि रखना। मंत्र की माला फेरना, बीज सम्पुटित दुर्गा सप्तसती के पाठ करना, हवन करना, फिर अंत में आरती करना।
ये सब ऊपर लिखा अधिकतर लोग सुबह तथा शाम दोनों समय, नौ दिनों तक करते है। नवें दिन या अष्टमी को 9-11 (या जितनी भी मिले) छोटी उम्र की कन्याओ को भोजन कराकर उद्यापन कर देते हैं।
Important things to remember
# Devi likes red color, like, Kumkum, Kaner ke phool, and Laal chandan.
# Devi likes Long ka joda (लौंग का जोड़ा).
# Small Girls represents Devi, so they should be fed at the 8th or 9th day.
# Beej Mantra Samputit Durga Saptsati must be chanted at least once in a day.
# One can observe Vrat (fast) for a day, two days or all nine days. Some people observe Vrat for nine days just on water and long (लौंग) — this is not everyone, just do what makes you comfortable.
At last, Goddess Durga Stuti (syn: Prayer) should be chanted:
1) मैया के द्वार पर मैया को पुकारूँ मैं ॥
2) मैया को पुकारूँ मैं अनहद बजाय बाजो ॥
3) देऊ दरस घर जाऊँ री, मैया के दुवारे एक अँधा पुकारे ॥
4) देऊ नयन घर जाऊँ री ॥
5) मैया के दुवारे एक कोढ़ी पुकारे, देऊ काया घर जाऊ री ॥
6) मैया के दुवारे एक दुखिया पुकारे, दुःख हरो घर जाऊ री ॥
7) मैया तेरी संकरी दुवरिया देऊ दरस घर जाऊ री ॥
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