All the Purnimas no matter in which month they fall have significance, Moon this day is on its highest bloom and taking bath in Ganga in that time period is a holy act (though it is always good to take bath in Ganga any time).
This Vrat is celebrated on Margashirsha Purnima, and lord Narayan (lord Vishnu) is worshiped and his famous mantra “ॐ नमो नारायण” is chanted. And below stotra is also chanted single time.
पोर्णमास्यम निराहारः स्थिता देव तवांज्ञया ॥
मोक्ष्यामि पुण्डरीकाक्ष परेहीन शरणं भव ॥
It means, O lord पुण्डरीकाक्ष ! मैं पूर्णमासी को निराहार रहकर व्रत रखूंगा, हे भगवन मुझे शरण में लेकर मोक्ष प्रदान करें।
सुबह को गंगा जी में नहाकर, भगवान का पूजन करें, उसके बाद तिल, घी, बुरा इत्यादि की सामग्री बनाकर “ॐ नमो नारायण स्वाहा,” कहते हुए अग्नि में आहुति समिर्पित करते हुए हवन करें। इसके बाद भजन, कीर्तन इत्यादि करें तथा शाम को चाँद निकलने पर जल में सफेद फूल तथा अखंडित चावल डालकर चन्द्रमा को अर्घ्य दें। तथा खाना खाकर भगवान् का स्मरण करते हुए निद्रा में लीन हो जायें।
ऐसा कहा जाता है जो लोग इस दिन विधिपूर्वक पूजा करते है वो भगवान् के सहारे भवसागर पर करते हुए, भगवान् के लोक को प्राप्त होते हैं।
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