Maha-Lakshmi Vrat is celebrated on the same day when Radha-Ashtami Vrat is celebrated that is on Bhadon Vadi Ashtami. यह व्रत १६ दिन तक रखा जाता है।
व्रत रखने से पहले निचे लिखे मंत्र से संकल्प लिया जाता है:
करिथअहं महालक्ष्मि व्रत ते त्वत परायणा ॥
तदविघनें में यातु समापतिं त्वत्प्रसादतः ॥
It means, हे देवी आपकी सेवा में रहकर में इस व्रत का भक्तिपूर्वक पालन करूँगा (करुँगी), मेरे इस व्रत को विघ्न रहित करने की कृपा करें। इसके बाद १६ गांठे वाला सूती डोरा हाथ में बाँध लें, हर एक गांठ एक दिन को दर्शाती है, अश्विन कृष्णाष्टमी तक इस व्रत को रखना चाहिए।
व्रत सम्पूर्ण होने पर १६ प्रकार से लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिये, तथा रात को तारो को अर्घ देना चाहिए, दान-दक्षिणा आदि करनी चाहिए, हवन कमलगट्टे से करना भी अच्छा रहता है।
फिर निचे लिखा मंत्र बोलकर आरती करनी चाहिये:
क्षीरोदार्णव सम्भूता लक्ष्मीश्चन्द्र सहोदरा ॥
व्रतेनानेन संतुस्टा भवताद्विष्णु वल्लभा ॥
For money attraction it is always good to chant daily some mantra or stotra of Goddess Maha-Lakshmi, or just her beej mantra “Shreem (श्रीं)”. If you feel worshiping Lakshmi doesn’t help you attracting money, then there are alternates such as Devi Tara, Shodashi, SriVidya Sadhana, Kuber, Kanakadhara Stotra; or Lakshmi puja with other deity, as Lakshmi + Ganesh, Lakshmi + Shiva, when two deities are involved this is called “Sayuj” and sometimes it helps a lot.
Comments
Post a Comment