It is written in its phalashruti / benefits that this stotra gives wisdom and liberation, also it removes (शोक-मोह-दैन्य-लोभ-कोप-ताप-नाशनम्) grief/misfortune, unnecessary attachment, greed, anger etc., from the one's life who chant this stotra regularly.
श्रीकाल भैरवाष्टक
देव-राज - सेव्यमान - पावनांघ्रि - पङ्कजम्, व्याल-यज्ञ - सूत्रमिन्दु-शेखरं कृपा - करम् ।
नारदादि योगि - वृन्द - वन्दितं दिगम्बरम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ॥१
भानु-कोटि-भास्वरं भवाब्धि - तारकं परम्, नील-कण्ठमीप्सितार्थ-दायकं त्रि - लोचनम् ।
काल कालमम्बुजाक्षमक्ष - शूलमक्षरम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ॥२
शूल-टङ्क-पाश - दण्ड - पाणिमादि-कारणम्, श्याम - कायमादि - देवमक्षयं निरामयम् ।
भीम-विक्रम-प्रभुं विचित्र - ताण्डव - प्रियम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ।।३
भुक्ति-मुक्ति-दायकं प्रशस्त - चारु - विग्रहम्, नितान्त-भक्त-वत्सलं समस्त-लोक-विग्रहम् ।
निक्वणन्-मनोज्ञ-हेम-किङ्किणो-लसत्-कटिम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ।।४
धर्म-सेतु-पालकं कु - धर्म - मार्ग - नाशनम्,कर्म-पाश - मोचकं सु-धर्म - दायकं विभुम् ।
स्वर्ण-वर्ण-केश-पाश - शोभिताङ्ग - मण्डलम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ॥५
रत्न -पादुका - प्रभाऽभिराम-पाद - युग्मकम्, नित्यमद्वितीयमिष्ट - दैवतं निरञ्जनम् ।
मृत्यु - दर्प - नाशकं कराल-दंष्ट्र-भीषणम्, काशिका - पुराधिनाथं काल - भैरवं भजे ॥६
अट्टहास-भिन्न - पद्मजाण्ड - कोश - सन्ततिम्, दृष्टि-पात - नष्ट-पाप-जालमुग्र - शासनम् ।
अष्ट-सिद्धि - दायकं कपाल - मालिका-धरम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ।।७
भूत-सङ्घ - नायकं विशाल-कीति - दायकम्, काशि-वास-लोक-पुण्य-पाप - शोधकं विभुम् ।
नीति-मार्ग - कोविदं पुरातनं जगत् - पतिम्, काशिका - पुराधि-नाथं काल - भैरवं भजे ।।८
Benefits/ फल-श्रुति
काल - भैरवाष्टकं पठन्ति ये मनोहरम्, ज्ञान-मुक्ति-साधनं सु-पुष्टि-पुण्य-वर्द्धनम् ।
शोक-मोह-दैन्य-लोभ-कोप-ताप-नाशनम्, ते प्रयान्ति काल-भैरवांधि-सन्निधि ध्रुवम् ।।
।। श्रीमद्-शङ्कराचार्य-विरचितं काल-भैरवाष्टक-स्तोत्रं ।।
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