This festival is celebrated on Kartik Vadi Dwadashi, this day गौ (syn: cow) and her बछड़ा (syn:calf) are worshiped.
Puja Vidhi
सुबह जल्दी उठाकर गौ तथा बछड़े को स्नान कराया जाय, उनका रहने का स्थान साफ़ किया जाए। फिर उनको हल्दी चावल या कुमकुम चावल से टीका कर उनकी पूजा की जाए। साथ ही में कृष्ण तथा बलराम की भी पूजा की जाये। बाद में उनकी आरती उतारी जाये, तथा प्रेमपूर्वक उनके पुरे शरीर पर हाथ फेर जाए।
इस दिन व्रत में दूध या दूध से बनी कोई भी चीज नहीं खाते। गौ तथा बछड़े की खूब सेवा की जाती है। सड़क पर घूमने वाली गौ को भी दुलारा पुचकारा जाता है, उन्हें खाना खिलाया जाता है तथा उनके बीमार होने पर उनका इलाज भी करवाया जाता है।
Govats Dwadashi Vrat Katha
Story is like this, once a queen killed a calf and hid it somewhere. After some time, bad things started happening to the palace. The king knew everything by an Aakashwani (आकाशवाणी; god’s voice). And as suggested by the Aakashwani, he did Vrat & Puja on Kartik Vadi Dwadashi — as a result, the calf came to life. Since that time it was named as Govats Dwadashi; and celebrated throughout his kingdom.
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