It is my personal experience that lord Ganesha helps in memory, and removes obstacles. He is worshiped first in any kind of puja. He is worshiped with Guru; with Goddess Lakshmi; with lord Shiva; with Saraswati; and with his wife Riddhi & Siddhi. And if your Guru is highly competent he may give you a combination of Ganesha with some other God or Goddess for accomplishing special thing in life.
Here is Ganesh Chalisa with Doha and 38 Chopai.
श्री गणेश चालीसा
॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण जय २ गिरजा लाल
॥ चोपाई ॥
१) जय जय जय गणपति गणराजू , मंगल भरण करण शुभ काजू
२) जय गजबदन सदन सुखदाता , विश्व विनायक बुद्धिविधाता
३) वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन , तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन
४) राजित मणि मुक्तन उर माला , स्वर्ण मुकुट सिर नयन विशाल
५) पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं , मोदक भोग सुगन्धित फूलं
६) सुन्दर पीताम्बर तन साजित , चरण पादुका मुनि मन राजित
७) धनि शिवसुवन षडानन भ्राता , गौरी ललन विश्व विख्याता
८) रिद्धि सिद्धि तव चवँर सुधरे , मूषक वाहन सोहत द्वारे
९) कहौं जन्म शुभ कथा तुम्हरी , अति शुचि पावन मंगल कारी
१०) एक समय गिरिराज कुमारी , पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी
११) भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा , तब पहुँच्यो तुम धरि द्विज रूपा
१२) अतिथि जानि कै गौरी सुखारी , बहुविधि सेवा करी तुम्हरी
१३) अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा , मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा
१४) मिलहि पुत्र तुहि बुद्धि विशाला , बिना गर्भ धारण यही काला
१५) गणनायक गुण ज्ञान निधाना , पूजित प्रथम रूप भगवाना
१६) अस कहि अंतर्धान रूप ह्वै , पलना पर बालक स्वरुप ह्वै
१७) बनि शिशु रुदन जबहि तुम ठाना , लखि मुख सुख नहि गौरी समाना
१८) सकल मगन सुख मंगल गावहि , नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं
१९) शम्भु उमा बहुदान लुटावहिं , सुर मुनिजन सुत देखन आवहि
२०) लखि अति आनंद मंगल साजा ,देखन भी आए शनि राजा
२१) निज अवगुण गुनि शनि मन माही , बालक देखन चाहत नाही
२२) गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो , उत्सव मोर न शनि तुहि भायो
२३) कहन लगे शनि मन सकुचाई , का करिहौ शिशु मोहि दिखाई
२४) नहि विश्वास उमा उर भयऊ , शनि सो बालक देखन कह्यऊ
२५) पडतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा , बालक सिर उड़ि गयो आकाशा
२६) गिरिजा गिरी विकल ह्वै धरणी , सो दुःख दशा गयो नहि वरणी
२७) हाहाकार मच्यौ कैलाशा , शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा
२८) तुरत गरुण चढ़ि विष्णु सिधाये , काटि चक्र सो गज शिर लाये
२९) बालक के धड़ ऊपर धारयो , प्राण मंत्र पढ़ि शंकर डारयो
३०) नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे , प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे
३१) बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा , पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा
३२) चले षडानन भरमि भुलाई , रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई
३३) चरण मातु पिता के धर लीन्हे , तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हे
३४) धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे , नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे
३५) तुम्हरी महिमा बुद्धि बढ़ाई , शेष सहस मुख सके न गाई
३६) मै मति हीन मलीन दुखारी , करहु कौन विधि विनय तुम्हारी
३७) भजत रामसुंदर प्रभुदासा , जग प्रयाग ककरा दुर्वासा
३८) अब प्रभु दया दीन पर कीजै , अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजे
॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करै धर ध्यान , नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश , ऋषि पंचमी दिनेश , पूरण चालीस भयो, मंगल मूर्ति गणेश
If you check line 25, you can know the reason, Why the baby elephant head was placed on lord Ganesha? Here is the Shani who was the cause but in another story lord Shiva Himself was the cause, He used Trident on lord Ganesha, when lord Ganesha didn’t let Him go through the Gate.
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