Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman, so melodic, you may have heard a lot. This is also an aarti for Shri Rama, ends at 9, useful in pleasing lord Rama.
१) आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनंद शिव सुन्दर की ॥
२) दशरथ तनय कौशल्या नंदन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन ॥
३) अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की ॥
४) निर्गुण सगुण अरूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि ॥
५) हरण शोक भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य नर वर की ॥
६) जानकी पति सुर अधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक गति ॥
७) विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति, एक मात्र गति सचराचर की ॥
८) शरणागत वत्सल व्रत धारी, भक्त कल्प तरुवर असुरारी ॥
९) नाम लेत जग पावन कारी, वानर सखा दीन दुःख हर की ॥
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